Wednesday, February 1, 2017

उनके व्यवहार से कोई आहत हो ,
यह उन्हें सह्य नहीं था। 
पर जीवन जगत में हमेशा ,
इससे बचे रहना भी  असंभव है।
        -व्योमकेश  दरवेश