पहले प्यार का पहला एहसास ...
जिसे कभी दुहराया नहीं जा सकता .
जिसे कभी समझा नहीं जा सकता .
मगर वह होता है
नदी में बहते पत्थर की तरह ,जो आपस में टकराते है .
कभी पत्थर पानी से नाराज होता है ,कभी पानी पत्थर से नाराज होता है .
मगर दोनों साथ बहते है ,यही उनकी मोहब्बत है ,उनकी अपनी प्रेम कहानी .
तो पहली मोहब्बत का पहला एहसास कुछ यु होता है ....
जिसे देखकर मन खुश हो जाए .
जिसके अचानक सामने आने पे दिल धड़क जाए .
जिसके साथ शरारते करने को जी चाहे ,
कुछ बोलने पे गुस्सा आ जाये .
दिल कुछ कहना चाहता है मगर कह नहीं पाता .
दिल कुछ सुनना चाहता है मगर सुन नहीं पाता .
सामने आ जय तो उसे परेशान करने को मन करता है ,
उसपे गुस्सा उतरने को मन करता है .
वही जब आँखों से दूर चला जाय तो मन बेचैन हो जाता है .
चेहरे पे मायूसी छा जाती है .