Wednesday, January 30, 2013

 एक परिभाषा प्रेम की -
मोहब्बत एक ऐसा शब्द है ,जो एक अजनबी को अपना बना दे .
मोहब्बत एक एहसास है ,जो पल भर में अपने को बेगाना बना दे .
हम नहीं जानते हमने जिन्दगी में मोहब्बत की या नहीं .
हम नहीं जानते किसी को हमसे मोहब्बत है या नहीं .
लेकिन हमसे कोई ये सवाल करे की मोहब्बत का हो जाना सही है या गलत .
तो मेरा जवाब होगा-------
न तो मोहब्बत की शुरुआत  गलत है,
न तो मोहब्बत का आगाज गलत है।
गलत है तो बस ,
मोहब्बत में कामयाब होने पर  दुनिया  भुला  देना .
और नाकाम होने पर ,खुद को भुला देना .
मोहब्बत एक ऐसी मिसात है ,
जिसकी कामयाबी इंसान  बना दे .
और मोहब्बत की नाकामी इंसान को भगवान्  बना दे .
इंसान बनना भी एक अदा है ,भगवान्  बनना  भी एक अदा है .
मोहब्बत जिसे इंसान बनाए ,
वो मोहब्बत की रौशनी से दिवाली  मनाता  है .
मोहब्बत जिसे भगवान् बनाए ,
वो खुद को जलाकर औरों के घर रोशन  करता है।

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