ब्रह्माण्ड की कोई भी चीज ,
खुद के लिए खुद नहीं है .
ब्रह्माण्ड की हर चीज ,
कहीं न कहीं किसी के लिए किसी समय में ,
किसी के द्वारा प्रेरित है .
यहाँ तक कि ...
इंसान की ज़िन्दगी भी ,
खुद अपने लिये अपनी मर्जी की नहीं है .
कहीं न कहीं अपनी ज़िन्दगी भी ,
किसी के लिए किसी के द्वारा किसी समय में प्रेरित है .
शायद यहीं से ,
ब्रह्माण्ड में रिश्तों का जन्म हुआ .
No comments:
Post a Comment
YOU ARE MOST WELOME ---