Monday, March 4, 2013

कोई तो है ..

हर तरफ हर जगह हर कहीं पे है,
 हाँ उसी का नूर .
रोशनी का कोई दरिया तो है,
 हाँ कहीं पे जरुर .
ये आसमान ये जमीं, चाँद और सूरज ,
क्या बना सका है कभी कोई भी कुदरत .
कोई तो है जिसके आगे है आदमी मजबूर .
इंसान जब कोई है राह से भटका ,
 किसने दिखा दिया उसको सही रास्ता .
कोई तो है जो करता है मुश्किल हमारी दूर .


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