हर तरफ हर जगह हर कहीं पे है,
हाँ उसी का नूर .
रोशनी का कोई दरिया तो है,
हाँ कहीं पे जरुर .
ये आसमान ये जमीं, चाँद और सूरज ,
क्या बना सका है कभी कोई भी कुदरत .
कोई तो है जिसके आगे है आदमी मजबूर .
इंसान जब कोई है राह से भटका ,
किसने दिखा दिया उसको सही रास्ता .
कोई तो है जो करता है मुश्किल हमारी दूर .
No comments:
Post a Comment
YOU ARE MOST WELOME ---