Monday, March 4, 2013

jagjit singh

कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा ,
मेरा दरवाजा हवाओं ने हिलाया होगा .
दिले नादाँ न धड़क ये दिले नादाँ न धड़क ,
कोई ख़त लेके पड़ोसी के घर आया होगा .
गुल से लिपटी हुयी तितली को गीराकर देखो ,
आंधियां तुमने दरख्तों को गिराया होगा .
कैफ परदेश में मत याद करो अपना मकान ,
अबके बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगा .

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