Sunday, June 21, 2009



शिव आज भी ॐ है ,

मैं आज भी मैं हूँ ,

प्रश्न उठते रहे हैं , आज भी उठते है ,

मैं कल भी खामोश मुस्कराता था , आज भी मुस्कराता हूँ ,

समय ने कल भी कोशिश की आज भी कोशिश में है ,

इसे मारा जाय , इसे हराया जाय , रास्ते में ही गिराया जाय ,

मैं कल से लेकर आज तक इसी समय से ही जीतता आया हूँ ।

5 comments:

  1. tum kal bhi pagal the aaj bhi ho



    ha ha ha ha

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  2. समस्त इन्द्रियों का जोर लगाने के बावजूद पोस्ट का सार तत्व पकड़ने में नाकामयाब रहा !
    ऐसे जटिल और विकट लेखन को प्रणाम करता हूँ !

    जय हो प्रभु

    आता रहूँगा समझने !


    बंधु !

    कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें ! लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है। इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !

    तरीका :-
    डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स

    आज की आवाज

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  3. Bahut sundar rachana...really very nice..
    Regards.

    DevPalmistry [ Lines tell the story of ur life ]

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  4. हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |

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